हाल ही में दिवाली की छुट्टियों के दौरान आपने भी देखा होगा कि हर स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। लाखों लोग अपने परिवारों से मिलने, घूमने या त्योहार मनाने के लिए रेल से सफर कर रहे थे। सोचिए, इतनी बड़ी भीड़ को रोज़ संभालना, हर ट्रेन को समय पर चलाना और यात्रियों को सुरक्षित पहुँचाना — ये काम कोई आम बात नहीं। यही है भारतीय रेल की ताकत और इसकी जमीनी हकीकत।
भारतीय रेलवे सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। ये देश के हर कोने को जोड़ती है — पहाड़ों से लेकर रेगिस्तानों तक, गाँवों से लेकर महानगरों तक। शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत की रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है, जो 65,000 किलोमीटर लंबी है — अमेरिका, रूस और चीन के बाद।
अब ज़रा गौर कीजिए भारतीय रेलवे के कुछ रोचक और कम जाने गए तथ्यों पर
- भारतीय रेल रोज़ाना लगभग 2.3 करोड़ यात्रियों को उनके मंज़िल तक पहुँचाती है — यानी पूरे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और तस्मानिया की आबादी से ज़्यादा लोग रोज़ भारतीय रेल में सफर करते हैं।
- हर दिन भारतीय रेल 19,000 ट्रेनें चलाती है — जिनमें 12,000 पैसेंजर ट्रेनें और 7,000 मालगाड़ियाँ शामिल हैं।
- भारतीय रेल में सफर के 10 अलग-अलग क्लास हैं — 1AC, 2AC, 3AC, 3AE, EC, CC, FC, SL, 2S और IIUR।
- भारतीय रेल में 5.06 मिलियन सीटें हैं — जो फिनलैंड और सिंगापुर की पूरी आबादी को एक साथ बैठा सकती हैं।
- भारतीय रेलवे में काम करने वाले 14 लाख से ज़्यादा कर्मचारी हैं, जिससे यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा नियोक्ता और भारत का सबसे बड़ा रोज़गारदाता है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलने वाली रेल सेवाओं में समझौता एक्सप्रेस (भारत–पाकिस्तान) और मैत्री एक्सप्रेस (भारत–बांग्लादेश) शामिल हैं।
- दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है।
- विवेक एक्सप्रेस भारत की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन है, जो डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक 4273 किलोमीटर का सफर करती है।
- नागपुर का डायमंड क्रॉसिंग भारत का अनोखा रेलवे जंक्शन है, जहाँ ट्रेनें उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम – चारों दिशाओं में जाती हैं।
- अहमदाबाद–मुंबई सेंट्रल डबल डेकर एक्सप्रेस भारत की पहली दो-मंज़िला ट्रेन है।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन एशिया का सबसे बड़ा मार्शलिंग यार्ड रखता है।
- पुरच्ची थलैवर डॉ. एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल स्टेशन भारत के सभी स्टेशनों में सबसे लंबा नाम वाला स्टेशन है।
- भारत का सबसे लंबा रेलवे पुल है वल्लारपाडम ब्रिज (केरल) – जिसकी लंबाई 4.62 किलोमीटर है।
- भारत की सबसे बड़ी रेलवे सुरंग है पीर पंजाल टनल।
- भारत की सबसे धीमी ट्रेन है मेट्टुपालयम–नीलगिरि पैसेंजर, जो मात्र 10 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है।
- सबसे छोटा रेल रूट नागपुर से अजनी है – सिर्फ 3 किलोमीटर लंबा।
- सबसे छोटे स्टेशन नाम हैं Ib और Od (गुजरात में)।
- हावड़ा से अमृतसर के बीच सबसे ज़्यादा — 115 स्टॉप्स हैं।
- मथुरा जंक्शन पर सबसे ज़्यादा रेलवे मार्ग — 7 दिशा में जाते हैं।
- बांद्रा से अंधेरी के बीच 10 किमी की दूरी में 7 समानांतर ट्रैक हैं — जो भारत में अनोखे हैं।
- हावड़ा जंक्शन भारत का सबसे व्यस्त स्टेशन है, जहाँ रोज़ाना लगभग 974 ट्रेनें आती-जाती हैं।
- फेयरी क्वीन (1855 में बनी स्टीम इंजन) अब भी चलती है और दुनिया की सबसे पुरानी चलती स्टीम इंजन है — जिसे गिनीज बुक ने मान्यता दी है।
- भारत में स्टीम इंजन का निर्माण 1972 में बंद हो गया था।
- भारत की पहली मेट्रो ट्रेन सार्वजनिक रूप से कोलकाता में चली।
- नई दिल्ली स्टेशन दुनिया का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम रखने वाला स्टेशन है।
- उत्तर प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है — लगभग 9,000 किलोमीटर लंबा।
- वहीं केरल में रेल रूट सबसे छोटे अनुपात में हैं।
- नवापुर स्टेशन अनोखा है — इसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र में और आधा गुजरात में आता है।
- भारतीय रेल ने एड्स जागरूकता के लिए 2007 में रेड रिबन एक्सप्रेस चलाई थी।
- चिनाब ब्रिज (जम्मू-कश्मीर) 359 मीटर ऊँचा है — यानी एफिल टॉवर से 35 मीटर ज़्यादा ऊँचा!
आज भारतीय रेलवे सिर्फ ट्रेनों का नेटवर्क नहीं, बल्कि देश की नब्ज़ है। यह रोज़ भारत को जोड़ती है, लाखों लोगों को उनकी मंज़िल तक पहुँचाती है, और देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी का काम करती है।
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