भारत की राजनीति में ऐसे बहुत कम नेता हुए हैं, जिन्होंने अपनी साधारण शुरुआत को असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचाया हो। नरेंद्र मोदी का जीवन इसी का एक उदाहरण है। एक छोटे शहर में जन्मे इस व्यक्ति ने न केवल राष्ट्रीय राजनीति में अपनी जगह बनाई, बल्कि आज वह देश के दूसरे सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री रहने वाले नेता बन गए हैं। यह उपलब्धि केवल एक राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि उनके संघर्ष, रणनीति और जनसमर्थन की कहानी भी है।
बचपन और प्रारंभिक जीवन
नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर कस्बे में एक सामान्य परिवार में हुआ था। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और बचपन में नरेंद्र मोदी ने भी उनकी मदद की। उनका बचपन संघर्षों से भरा था, लेकिन उनमें नेतृत्व का बीज शुरू से ही मौजूद था। स्कूल के दिनों में वे नाटकों में भाग लेते थे और बहस प्रतियोगिताओं में रुचि लेते थे। उनके शिक्षक बताते हैं कि वह औसत छात्र थे, परंतु मंच पर बोलने में निपुण थे।
शिक्षा
मोदी ने 1967 में वडनगर से अपनी शालेय शिक्षा पूरी की। इसके बाद 1978 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। बाद में 1983 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से इसी विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की, जिसमें उन्होंने प्रथम श्रेणी हासिल की। हालांकि, इन डिग्रियों की प्रमाणिकता को लेकर कुछ विवाद भी समय-समय पर उठते रहे हैं, लेकिन इन विवादों से उनके राजनीतिक कद पर कोई असर नहीं पड़ा।
संघ और राजनीति की शुरुआत
मोदी की राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से शुरू हुई। किशोरावस्था में ही वह संघ से जुड़ गए थे और वहां उन्होंने अनुशासन, संगठन और विचारधारा की शिक्षा प्राप्त की। आपातकाल के समय उन्होंने छिपकर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। 1985 में वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए और जल्द ही संगठन के कुशल रणनीतिकार के रूप में उभरे।
गुजरात में पार्टी के विस्तार में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। 1990 के दशक में उन्होंने पार्टी की कई चुनावी रणनीतियां बनाईं, जिनसे भाजपा को काफी लाभ मिला। उनके काम को देखते हुए उन्हें गुजरात में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।
राजनीति में उदय
2001 में नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उस समय राज्य भूकंप की त्रासदी से जूझ रहा था। मोदी ने पुनर्निर्माण और विकास को प्राथमिकता दी। हालांकि 2002 के दंगों को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वे लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बने रहे। उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात को आर्थिक विकास, निवेश और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ता राज्य माना गया।
2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया। उनके नेतृत्व में पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत मिला। ‘अच्छे दिन’, विकास और भ्रष्टाचारमुक्त शासन का वादा लेकर वह दिल्ली पहुंचे। इसके बाद 2019 में उन्होंने और भी बड़े जनादेश के साथ वापसी की, जिससे उनकी लोकप्रियता और नेतृत्व पर जनता की मुहर और मजबूत हुई।
प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने कई बड़ी योजनाएं शुरू कीं – जैसे स्वच्छ भारत मिशन, जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की छवि को सशक्त बनाया और कई देशों से द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत किए।
उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया, नागरिकता संशोधन कानून लागू किया और कोरोना काल में वैक्सीन निर्माण और वितरण को गति दी। हालांकि इन नीतियों को लेकर मतभेद और विरोध भी सामने आए, लेकिन उनके जनाधार में कोई बड़ी कमी नहीं आई।
नया इतिहास: लगातार कार्यकाल में दूसरा स्थान
25 जुलाई 2025 को नरेंद्र मोदी ने देश के दूसरे सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना लिया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया। अब उनसे आगे केवल जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने 1947 से 1964 तक लगातार प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी थी। मोदी की यह उपलब्धि सिर्फ समय का आंकड़ा नहीं, बल्कि उस भरोसे की पहचान है जो जनता ने उन पर दो दशक से ज्यादा समय से कायम रखा है।
निजी जीवन और व्यक्तित्व
मोदी का जीवन हमेशा से ही अनुशासित रहा है। उन्होंने विवाह तो किया, लेकिन अपनी राजनीतिक यात्रा के शुरुआती वर्षों से ही अकेले जीवन को चुना और पूरी तरह राष्ट्रसेवा में लग गए। वे योग, ध्यान और नियमित दिनचर्या में विश्वास रखते हैं। उनका पहनावा, भाषण शैली और जनसंपर्क कौशल उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाते हैं।
नरेंद्र मोदी की कहानी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस विश्वास की है जो एक आम नागरिक को असाधारण बना सकता है। उनका यह सफर चाय बेचने से शुरू होकर इतिहास रचने तक पहुंचा है। अब जब वह अगले चुनाव की ओर बढ़ रहे हैं, तो पूरा देश देख रहा है कि क्या वह इतिहास के अगले पन्ने पर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे।


