अमेरिका ने वैश्विक टैलेंट को आकर्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए गोल्ड कार्ड वीज़ा की घोषणा की है, जिसे पारंपरिक ग्रीन कार्ड से अधिक शक्तिशाली और लचीला बताया जा रहा है। यह नया मॉडल खासतौर पर भारत और चीन के उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छात्र अमेरिका की शीर्ष यूनिवर्सिटीज़ से पढ़ाई पूरी करने के बाद वीज़ा बाधाओं की वजह से अपने करियर में अनिश्चितताओं का सामना करते हैं। नई नीति का उद्देश्य यह है कि उच्च योग्यता वाले विदेशी ग्रेजुएट्स अमेरिका में ही अपना भविष्य बनाएं और देश की आर्थिक और तकनीकी क्षमता को मजबूत करें।
गोल्ड कार्ड वीज़ा की सबसे खास बात यह है कि अमेरिकी कंपनियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे इस वीज़ा को खरीदकर अपनी पसंद के उम्मीदवार को दे सकें। इससे कंपनियों को उच्च स्तर के छात्रों को बिना वीज़ा जोखिम के हायर करने का मौका मिलेगा, जबकि छात्रों को लंबे समय तक रहने और काम करने की सुविधा मिलेगी। इसे रोजगार स्थिरता का नया मॉडल कहा जा रहा है, क्योंकि इसमें पुराने वीज़ा सिस्टम की तरह कोटा, लॉटरी या जटिल प्रतिबंध शामिल नहीं हैं। तकनीकी क्षेत्रों में टैलेंट की भारी कमी को देखते हुए यह निर्णय अमेरिका के लिए रणनीतिक माना जा रहा है।
भारतीय और चीनी छात्रों के लिए यह कदम विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। टेक, इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फाइनेंस और बायोटेक जैसे सेक्टर्स में पढ़ने वाले छात्रों को अब नौकरी मिलने के बाद अमेरिका में रुकने का अधिक स्पष्ट मौका मिलेगा। पहले कई ऐसे छात्र थे जिन्हें कंपनियों की रुचि के बावजूद वीज़ा अनिश्चितता के कारण वापस लौटना पड़ता था। गोल्ड कार्ड प्रणाली इस स्थिति को काफी हद तक बदल सकती है और उच्च योग्य विदेशी छात्रों के लिए अमेरिका में करियर बनाने का रास्ता आसान कर सकती है।
इस वीज़ा मॉडल के जरिए अमेरिका को दो तरह का लाभ मिलने की संभावना है। पहला, उन्हें दुनिया भर के सबसे प्रतिभाशाली युवा अपने देश में मिलेंगे, जिससे नवाचार, तकनीकी विकास और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। दूसरा, यह कार्यक्रम महंगा होने की वजह से सरकार को भारी राजस्व भी प्राप्त होगा, जो इसे आर्थिक रूप से भी आकर्षक बनाता है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्किल्ड माइग्रेशन की मांग तेजी से बढ़ रही है और गोल्ड कार्ड को इसी गैप को भरने के लिए तैयार किया गया है।
हालाँकि यह अवसर जितना बड़ा है, उतनी ही बड़ी इसके आसपास की चुनौतियाँ भी हैं। आलोचकों का कहना है कि गोल्ड कार्ड महंगा हो सकता है, जिससे यह केवल उन छात्रों के लिए सुलभ रहेगा जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है या जिनके पीछे बड़ी कंपनियों का समर्थन है। कई विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह मॉडल कॉर्पोरेट हितों को अधिक महत्व देता है और वीज़ा सिस्टम का कंट्रोल सरकार से कंपनियों की तरफ शिफ्ट कर देता है। कुछ का तर्क है कि इस नीति का लाभ मुख्यतः STEM छात्रों को ही मिलेगा, जबकि कला, सामाजिक विज्ञान या अन्य नॉन-टेक क्षेत्रों के छात्रों को सीमित मौके मिल सकते हैं।
भारत और चीन जैसे देशों के लिए, जहाँ हर साल बड़ी संख्या में छात्र विदेशों में पढ़ाई करने जाते हैं, यह वीज़ा एक बड़ा करियर टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। यदि कंपनियाँ सक्रिय रूप से गोल्ड कार्ड का उपयोग करती हैं, तो दोनों देशों के छात्रों को अमेरिका में स्थापित होने का पहले से ज्यादा स्पष्ट और स्थिर मार्ग मिलेगा। यह न केवल व्यक्तिगत करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि वैश्विक रोजगार बाजार में भी नए बदलाव ला सकता है।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड के लिए आवेदन कौन कर सकता है? यह कार्ड उन व्यक्तियों के लिए है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में वैध स्थायी निवास के पात्र हों और अमेरिका में प्रवेश के लिए उपयुक्त हों। इसके अलावा, कॉर्पोरेशन भी अपने विदेशी कर्मचारीयों का प्रायोजन कर सकते हैं। परिवार के सदस्य जैसे पति-पत्नी और 21 वर्ष से कम अविवाहित बच्चे भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन प्रत्येक के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। आवेदन प्रक्रिया में 15,000 डॉलर का गैर-वापसी योग्य प्रोसेसिंग शुल्क शामिल है और व्यक्तिगत आवेदकों को 1 मिलियन डॉलर तथा कॉर्पोरेट प्रायोजकों को प्रति कर्मचारी 2 मिलियन डॉलर का निवेश (गिफ्ट) करना होगा। इसके अलावा, वीज़ा संबंधित फीस और चिकित्सा परीक्षा के खर्च भी हो सकते हैं।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड के लाभों में वैध स्थायी निवास की स्थिति, पारंपरिक वीज़ा प्रक्रियाओं की तुलना में तेज़ प्रक्रिया, पात्र परिवार के सदस्यों के जुड़ने का अवसर और अंततः अमेरिकी नागरिकता का रास्ता शामिल है। आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर व्यक्तिगत या कॉर्पोरेट जानकारी भरनी होती है, इसके बाद 15,000 डॉलर की फीस का भुगतान करना होता है। अनुमोदन के बाद गिफ्ट की राशि जमा करनी होती है। ध्यान दें कि इस कार्ड की स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा या गंभीर आपराधिक गतिविधि के कारण रद्द भी की जा सकती है और कुछ देशों के लिए वीज़ा इंतजार की अवधि एक वर्ष या उससे अधिक भी हो सकती है। सभी आवेदकों को विश्वव्यापी आय पर अमेरिकी कर नियमों का पालन करना होगा।
कुल मिलाकर गोल्ड कार्ड वीज़ा अमेरिका की एक महत्वाकांक्षी इमिग्रेशन रणनीति है, जिसका लक्ष्य ग्लोबल टैलेंट को आकर्षित करना, तकनीकी बढ़त बनाए रखना और आर्थिक लाभ प्राप्त करना है। भारतीय और चीनी छात्रों के लिए यह एक बड़ा अवसर है, लेकिन इसके वास्तविक लाभ उन्हीं को मिलेंगे जिनके पास योग्यता, कौशल और आर्थिक तैयारी दोनों मौजूद हैं।
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