भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक बड़ा और दिलचस्प बदलाव किया है। अब बैंक और वित्तीय संस्थान केवल सोने पर ही नहीं, बल्कि चांदी पर भी लोन दे सकेंगे। यह फैसला लाखों भारतीयों के लिए राहत की खबर है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास सोने से ज्यादा चांदी के आभूषण या वस्तुएं हैं।
अब तक सोने के गहनों के बदले लोन लेना आम बात थी, लेकिन चांदी के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। आरबीआई के इस नए कदम से लोगों को अपने पास रखी चांदी को भी आर्थिक संपत्ति की तरह इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।
आरबीआई के नए नियम और उनका असर
आरबीआई के अनुसार, अब बैंक, कोऑपरेटिव बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) ग्राहकों को चांदी के आभूषणों या वस्तुओं को गिरवी रखकर लोन दे सकती हैं। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को बढ़ावा देना है, ताकि आम और ग्रामीण नागरिक भी आसानी से औपचारिक बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें।
आरबीआई के दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि बैंकों को चांदी के मूल्यांकन, भंडारण और बीमा से जुड़ी स्पष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा, ताकि ग्राहक की संपत्ति सुरक्षित रहे। इसके लिए बैंकों को प्रमाणित मूल्यांकनकर्ताओं (certified valuers) से चांदी की शुद्धता और वजन की जांच करवानी होगी।
इस सुविधा से छोटे व्यवसायी, किसान और मध्यमवर्गीय परिवार जो सोने की तुलना में अधिक मात्रा में चांदी रखते हैं अब बिना बड़ी संपत्ति गिरवी रखे भी आसान और त्वरित नकदी (quick cash) प्राप्त कर सकेंगे।
लोन प्रक्रिया और लाभ
चांदी पर लोन लेने की प्रक्रिया लगभग गोल्ड लोन जैसी ही है। ग्राहक अपनी चांदी बैंक या NBFC के पास जमा करता है, जहां उसकी शुद्धता और वर्तमान बाजार मूल्य का मूल्यांकन किया जाता है।
इसके बाद संस्था कुल मूल्य का लगभग 60 से 75 प्रतिशत तक लोन राशि जारी करती है।
उदाहरण के लिए, यदि आपके पास ₹1 लाख मूल्य की चांदी है, तो आपको लगभग ₹60,000 से ₹75,000 तक का लोन मिल सकता है।
लोन की ब्याज दरें सामान्यतः 9 से 15 प्रतिशत तक होती हैं, जो संस्था और लोन अवधि पर निर्भर करती हैं।
मुख्य फायदे:
- जल्दी नकदी की सुविधा: यह लोन तुरंत स्वीकृत हो सकता है, जिससे आपात स्थिति में मदद मिलती है।
- क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता नहीं: नए ग्राहकों या छोटे व्यवसायों को भी आसानी से यह लोन मिल सकता है।
- सुरक्षित विकल्प: चांदी बैंक के पास सुरक्षित रहती है और लोन चुकाने पर वापस मिल जाती है।
भारत में चांदी की भूमिका और भविष्य की संभावना
भारत विश्व का एक प्रमुख चांदी उपभोक्ता देश है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में चांदी को निवेश, पूजा और परंपरा से जोड़ा जाता है। कई घरों में बड़ी मात्रा में चांदी के बर्तन, सिक्के या आभूषण रखे जाते हैं।
अब जब इन्हें औपचारिक लोन प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है, तो यह घरेलू संपत्ति को आर्थिक शक्ति में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है।
चांदी का बाजार मूल्य भी पिछले कुछ वर्षों में स्थिर और भरोसेमंद रहा है, जिससे यह वित्तीय संस्थानों के लिए भी एक सुरक्षित विकल्प बन रहा है।
भविष्य में, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह मॉडल सफल रहा, तो चांदी पर लोन का बाजार गोल्ड लोन की तरह लोकप्रिय हो सकता है।
आरबीआई का यह निर्णय न केवल बैंकिंग जगत के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
अब लोग अपनी चांदी को केवल सजावट या परंपरा का प्रतीक नहीं, बल्कि आपात जरूरतों में आर्थिक सहारा मान सकेंगे।
यह बदलाव दर्शाता है कि भारत की वित्तीय नीतियां अब धीरे-धीरे हर वर्ग और हर संपत्ति को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने की दिशा में बढ़ रही हैं।
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