मुंबई का आसमान भले ही बारिश से भरा रहा हो, लेकिन खासदार क्रीड़ा महोत्सव के मैदान में उत्साह की बारिश और भी ज़्यादा थी। इस वर्ष आयोजित महोत्सव ने खेल, खेल भावना और समाजिक एकता का ऐसा शानदार संगम दिखाया, जिसे देखने वालों के लिए यह अनुभव लंबे समय तक यादगार रहेगा। मैदान में हर जगह जोश, उमंग और खेल के प्रति समर्पण की भावना नज़र आ रही थी।
बारिश भी नहीं रोक सकी उत्साह की बौछार
कार्यक्रम के दौरान अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई, लेकिन खिलाड़ियों और दर्शकों का जोश कम होने के बजाय और बढ़ गया। हर कोई छतरी या रेनकोट में भीगते हुए मैदान में डटा रहा। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी की निगाहें केवल खेल के मैदान पर थीं। खिलाड़ियों के हर गोल, हर थ्रो और हर रन पर तालियों की गूंज सुनाई दे रही थी। बारिश की हर बूंद जैसे खिलाड़ियों के हौसले को और मज़बूत कर रही थी।
यह नज़ारा इस बात का प्रमाण था कि मुंबई केवल सपनों का शहर ही नहीं, बल्कि जज़्बे और जुनून का भी प्रतीक है। खासदार क्रीड़ा महोत्सव ने यह दिखाया कि जब दिल में जुनून हो, तो मौसम जैसी कोई भी रुकावट मायने नहीं रखती।
मैरी कॉम ने दी युवाओं को प्रेरणा
भारत की महान मुक्केबाज़ और ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम की उपस्थिति इस आयोजन का सबसे प्रेरणादायी क्षण रही। जैसे ही वे मंच पर पहुंचीं, पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत करते हुए कहा कि “कठिन परिस्थितियां ही असली खिलाड़ी बनाती हैं। जब आप मैदान में दिल से मेहनत करते हैं, तो जीत अपने आप आपके कदम चूमती है।”
मैरी कॉम ने युवाओं से अनुशासन, ईमानदारी और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि खेल केवल शरीर को नहीं, बल्कि मन को भी मज़बूत बनाता है।
मंगल प्रभात लोढा और गोपाल शेट्टी की मौजूदगी से बढ़ी शोभा
इस अवसर पर मंगल प्रभात लोढा और गोपाल शेट्टी जैसे प्रमुख नेताओं की मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ा दी। उन्होंने मैदान का दौरा किया और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। दोनों नेताओं ने कहा कि खेल भारत की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं और ऐसे आयोजन न केवल युवाओं को दिशा देते हैं बल्कि समाज में अनुशासन और सहयोग की भावना भी बढ़ाते हैं।
पीयूष गोयल की घोषणा: अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा खासदार क्रीड़ा महोत्सव
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब इस खेल महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा, “खासदार क्रीड़ा महोत्सव अब केवल मुंबई का आयोजन नहीं रहेगा, इसे हम पूरे भारत के खिलाड़ियों तक पहुंचाएंगे। यह मंच हर उस युवा को अवसर देगा, जिसमें कुछ कर दिखाने का सपना है।”
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि इस पहल से भारत के हर राज्य में खेल संस्कृति को मज़बूती मिलेगी और स्थानीय प्रतिभाओं को देशव्यापी पहचान मिलेगी।
खेल भावना, एकता और समाजिक सौहार्द का उत्सव
खासदार क्रीड़ा महोत्सव केवल खेल प्रतियोगिता नहीं रहा यह एक भावनात्मक आंदोलन बन गया। इसने यह दिखाया कि खेल हमें केवल जीतना नहीं सिखाते, बल्कि एक-दूसरे के प्रति सम्मान, सहयोग और अनुशासन का पाठ भी पढ़ाते हैं।
मैदान पर अलग-अलग समुदायों, उम्रों और वर्गों के लोग एक ही भावना से जुड़े नज़र आए भारत की खेल भावना। बारिश हो या धूप, हर चेहरे पर मुस्कान और हर दिल में ऊर्जा थी।
खासदार क्रीड़ा महोत्सव ने इस बार यह सिद्ध कर दिया कि खेल केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और आत्मविश्वास का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
बारिश में भी जब मैदान में तालियां गूंजती रहीं, तो यह साफ हो गया कि भारत का युवा पीढ़ी तैयार है हर चुनौती का सामना करने के लिए, हर मौके को जीत में बदलने के लिए।
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