जब दो लोगों ने ठाना कुछ अलग करने का
अब तक आपने हिन्दी सिनेमा में सैकड़ों फिल्में देखी होंगी, किसी में बड़ा बजट, किसी में बड़ा नाम। लेकिन अब जो होने जा रहा है, वह शायद भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार है। ना कोई बेंगलुरु के एस. नरसिम्हामूर्ति और उनके साथी ग्राफिक आर्टिस्ट ने मिलकर एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो सुनने में छोटा लगता है, लेकिन अपने असर में बेहद बड़ा है। सिर्फ 10 लाख रुपये के बजट में, और 6 महीने की मेहनत में, इन दो लोगों ने बना डाली भारत की पहली पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तैयार फीचर फिल्म—‘Love You’।
सिनेमा वही तरीका नया
‘Love You’ कोई साधारण फिल्म नहीं है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसके हर एक फ्रेम, हर किरदार का हावभाव, डायलॉग की लिप-सिंक, बैकग्राउंड, कैमरा मूवमेंट, सब कुछ AI ने तैयार किया है। यानि इंसानी दिमाग ने सिर्फ दिशा दी, लेकिन पूरा एक्सीक्यूशन मशीनों ने किया। यहाँ तक कि फिल्म में कुल 12 गाने भी हैं और वे भी AI के ज़रिये बने हैं।
बजट छोटा, लेकिन सोच बड़ी
10 लाख रुपये में पूरी फीचर फिल्म बनाना अपने आप में अजूबा है। आज जहाँ एक छोटा सा वेब शो भी करोड़ों में बनता है, वहाँ 95 मिनट की फिल्म बनाना और वो भी AI के सहारे, यह साबित करता है कि जब सोच और तकनीक साथ आ जाएं, तो बजट की बंदिशें बहुत पीछे छूट जाती हैं।
‘Love You’ कन्नड़ सिनेमा की फिल्म है। और यही इसकी सबसे बड़ी जीत है। हम आमतौर पर तकनीकी प्रयोगों को बॉलीवुड या हॉलीवुड से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इस फिल्म ने दिखा दिया कि अब बदलाव की लहर नीचे से ऊपर उठ रही है। ये कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय सिनेमा के लिए उम्मीद की एक नई रेखा है।
डिजिटल क्रांति भावनाओं से कटाव?
अब बात थोड़ी गंभीर। एक सवाल जो ज़रूर उठता है, AI से बनी फिल्में क्या इंसानी भावनाओं को भी उतनी ही बारीकी से पकड़ पाएंगी? क्या किरदारों का दर्द, खुशी, मोहब्बत और झुंझलाहट AI के एल्गोरिदम से दर्शकों के दिल तक पहुंच पाएगी? ‘Love You’ इस दिशा में एक शुरुआती प्रयास है। हो सकता है आगे जाकर ये तकनीक और बेहतर हो जाए, लेकिन फिलहाल इसमें वो रूह नहीं है जो एक्टर के चेहरे पर पसीने की एक बूंद से आ जाती है।
फिल्ममेकिंग का भविष्य: क्रिएटिविटी या कोड?
AI के आने से सवाल खड़े हो रहे हैं, क्या अब डायरेक्टर की जरूरत बचेगी? क्या स्क्रिप्ट राइटर का काम AI कर लेगा? या फिर ये तकनीक एक नया टूल बनेगी, जो फिल्ममेकर्स को और ज्यादा स्वतंत्र बनाएगी? ‘Love You’ बताती है कि AI एक माध्यम है, लेकिन कहानी अब भी इंसान ही कहेगा। बस ज़रिया बदल गया है।
सेंसर बोर्ड से हरी झंडी
‘Love You’ को सेंसर बोर्ड से U/A सर्टिफिकेट मिल चुका है, और सोशल मीडिया पर लोग इसे सिनेमा और तकनीक के संगम की शुरुआत मान रहे हैं। यूजर्स इसे ‘डिजिटल जादू’ कह रहे हैं, और कुछ लोग तो इस फिल्म को ‘AI युग का अवतार’ बता रहे हैं। हालांकि, अभी इसकी थिएटरिकल रिलीज़ या स्ट्रीमिंग की डेट सामने नहीं आई है।
चुनौती भी है, संभावनाएं भी
AI को लेकर चिंताएं भी हैं। क्या इससे क्रिएटिव जॉब्स पर खतरा है? क्या इससे कलाकारों को नुकसान होगा? लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है, जो लोग बड़े बजट से दूर थे, उनके लिए ये तकनीक एक नई शुरुआत दे सकती है। अब एक लैपटॉप, एक विजन और एक AI मॉडल से भी फिल्म बन सकती है।
एक नई लहर की दस्तक
‘Love You’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, ये उस दौर की आहट है जहां तकनीक और कला मिलकर कुछ नया रचने वाले हैं। जहाँ फिल्में सिर्फ कैमरे से नहीं, कोड से भी बनेंगी। ये शुरुआत है उस युग की जहाँ रिजनल क्रीऐटर भी ग्लोबल इम्पैक्ट बना सकते हैं, कम पैसों में, ज्यादा सोच के साथ।


