अद्यतन: केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला मंदिर में तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रोजाना की स्पॉट बुकिंग को 5,000 तक सीमित करने का आदेश दिया है। यह आदेश 24 नवंबर तक लागू रहेगा। सबरीमाला में तीर्थयात्रा के दौरान भक्तों की संख्या अचानक बढ़ गई थी, जिससे व्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ गया। भीड़ नियंत्रण और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सबरीमाला में भक्तों की भीड़ ने हाल के दिनों में एक गंभीर समस्या का रूप ले लिया था। बिना बुकिंग आए तीर्थयात्री मंदिर परिसर और रास्तों पर उमड़ पड़े। कतारें इतनी लंबी हो गईं कि व्यवस्थाओं के लिए खतरा पैदा होने लगा। प्रतीक्षा का समय बढ़ने से थकान और तनाव फैल गया। प्रशासन की सीमित तैयारियों के कारण अव्यवस्था और असुविधा बढ़ी। ऐसी परिस्थिति में केरल हाईकोर्ट ने शीघ्र हस्तक्षेप किया।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रा का आनंद और आस्था तभी सुनिश्चित हो सकती है जब सुरक्षा और सुव्यवस्था बनी रहे। इसलिए कोर्ट ने आदेश दिया कि स्पॉट बुकिंग की संख्या प्रतिदिन पांच हजार तक सीमित की जाए। इससे पहले तीर्थयात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती थी, जो नियंत्रण से बाहर हो गई थी। अब यह सीमा भीड़ को नियमित और सुरक्षित बनाएगी।
साथ ही, अदालत ने मंदिर प्रबंधन बोर्ड को एक विशेषज्ञ समिति गठित करने को कहा है। यह समिति तीर्थयात्रा के लिए पूरी योजना तैयार करेगी, जिसमें भीड़ नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवा, जल आपूर्ति, विश्राम स्थल और आपातकालीन सहायता शामिल होंगी। न्यायालय का मानना है कि केवल भीड़ की संख्या सीमित करना पर्याप्त नहीं, बल्कि दीर्घकालिक व्यवस्था बनानी होगी।
भक्तों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कई लोगों ने कहा कि यह फैसला सुरक्षा के लिए जरूरी था। कई लोग निराश भी हुए, क्योंकि वे बिना पूर्व बुकिंग के पहुंचकर दर्शन कर लेना चाहते थे। फिर भी, अधिकांश ने समझा कि सुरक्षित तीर्थयात्रा ही प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस आदेश के बाद सुरक्षा बलों की तैनाती और कड़ी कर दी गई है। हर मार्ग पर विशेष टीमें तैयार रखी जा रही हैं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। स्वास्थ्य सेवा भी मजबूत की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति को रोका जा सके।
यह आदेश दर्शाता है तीर्थयात्रा केवल आस्था का मामला नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का भी विषय बन चुकी है।
तीर्थयात्रियों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे यात्रा की योजना पहले से बनाएं और आवश्यक बुकिंग करें। बिना योजना के आने वाले तीर्थयात्री असुविधा का सामना कर सकते हैं। प्रशासन भी बेहतर तैयारी के साथ तीर्थयात्रा को सुगम बनाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी उदाहरण बनेगा। जहाँ भी भीड़ और सुरक्षा समस्या हो, वहां इस तरह की व्यवस्था अपनाई जा सकती है। यह कदम श्रद्धालुओं के सम्मान और सुरक्षा को एक साथ लाने की कोशिश है।
सबरीमाला के भक्त वर्षों से इस तीर्थयात्रा को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते आए हैं। अब यह यात्रा और भी सुरक्षित, व्यवस्थित और सम्मानजनक होगी। सबरीमला स्पॉट बुकिंग लिमिटेड केरल हाईकोर्ट आदेश न केवल भीड़ पर नियंत्रण का साधन है, बल्कि तीर्थयात्रा के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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