ट्विंकल खन्ना ने 49 की उम्र में लंदन के गोल्डस्मिथ्स में दाखिला लेने, किताबों में हास्य के दबाव को संभालने और कॉलम के लिए ‘स्थानीय flavour’ से प्रेरणा पाने पर खोला दिल
ट्विंकल खन्ना एक ऐसी लेखिका, जो हमेशा बातचीत, कॉलम और अपने बेबाक विचारों के ज़रिए भीड़ से अलग सुनी गईं। ‘मिसेज फ़नीबोन्स’ ने सिर्फ अपने शब्दों से ही नहीं, बल्कि अपने फैसलों से भी यह साबित किया। 49 साल की उम्र में उन्होंने गोल्डस्मिथ्स, यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन से क्रिएटिव एंड लाइफ़ राइटिंग में मास्टर्स पूरा किया। उन्होंने न सिर्फ अपने नाम के मुताबिक हास्य को जिया, बल्कि अपनी किताबों में ‘हर पेज पर मज़ेदार’ होने के दबाव को भी समझा और अपने कॉलम के लिए रोज़मर्रा की ज़िंदगी से प्रेरणा पाई।
लॉकडाउन के दौरान ट्विंकल ने दो कोर्स लाइफ़ राइटिंग (बिगिनर) और फिक्शन (एडवांस) ऑक्सफ़ोर्ड में किए और कई तकनीकी बातें सीखीं। वह कहती हैं, “मैंने सोचा, मैं 49 की हूं। अगर अब नहीं करूंगी, तो कब करूंगी?” उन्हें आगे पढ़ने का सही समय तब मिला जब उनकी बेटी प्राइमरी में थी और बेटा यूनिवर्सिटी में। “मैंने कई यूनिवर्सिटी में आवेदन किया, दो–तीन ने मना कर दिया, और किस्मत से गोल्डस्मिथ्स में हो गया, जो मेरी पहली पसंद थी,” वह कहती हैं। इस अनुभव ने उनकी फिक्शन राइटिंग का तरीका बदल दिया। “कॉलम का प्रोसेस वही है स्केलेटन, पहला ड्राफ्ट क्योंकि उसमें मैं सालों से पक्की थी। लेकिन कहानियों और नॉवेल्स को लिखने का अंदाज़ पूरी तरह बदल गया,” वह जोड़ती हैं।
ट्विंकल का मानना है कि उनके कॉलम ‘इंटरैक्शन’ से जन्म लेते हैं। “मैं भारत से दूर रहती हूं तो फिक्शन लिख सकती हूं। लेकिन कॉलम के लिए भारत चाहिए यहां की बातें, माहौल, लोग क्या सोच रहे हैं… दिल्ली में क्या हो रहा है, बिहार चुनाव में क्या हो रहा है सब,” वह कहती हैं।
वह बताती हैं कि आइडिया उन्हें रोज़मर्रा की छोटी-छोटी घटनाओं से मिलते हैं। “मेरे दो स्टाफ के बीच झगड़ा हुआ—एक को लगा दूसरा उसे बुली कर रहा है। मैं यह सब देख रही थी और नोट्स बना रही थी। शायद यह किसी कॉलम में आए भी। मुझे इंडिया चाहिए अपनी मिट्टी, अपने रंग, अपनी भाषा तभी कॉलम लिख पाती हूं।”
अपने मशहूर पेन नेम ‘मिसेज फ़नीबोन्स’ की तरह ट्विंकल अपनी बुद्धि, हास्य और व्यंग्य के लिए जानी जाती हैं। लेकिन हर पेज पर मज़ेदार बने रहना आसान नहीं। ट्विंकल मानती हैं कि यह दबाव ही था जिसने उन्हें फिक्शन से ब्रेक लेने पर मजबूर किया। “मुझे लगता था कि हर पेज पर मज़ेदार होना है। और इसी वजह से मैंने फिक्शन से ब्रेक लिया। फिर कोर्स किया और उसके बाद Welcome to Paradise लिखा, जो दुख और खोने पर आधारित था। उसमें मुझे हर पेज पर मज़ेदार रहने की ज़रूरत नहीं थी। मैंने बिल्कुल वैसे लिखा, जैसा मैं चाहती थी,” वह बताती हैं। “अब मैं इस दबाव के आगे नहीं झुकती।”
और अब ट्विंकल खन्ना ‘मिसेज फ़नीबोन्स रिटर्न्स’ लेकर आ रही हैं उनकी बेस्टसेलर किताब की बहुप्रतीक्षित अगली कड़ी! किताब की प्री-ऑर्डर शुरू हो चुकी है और उनके पाठक इसे हाथों में लेने के लिए बेसब्र हैं!
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