जबसे बॉलीवुड शुरू हुआ है, उसमें अगर किसी अभिनेता के अभिनय की बात होती है तो सिर्फ गिने चुने नाम है जो जुबान पर आते हैं। और उन गिने चुने नामों में शामिल हैं, दिलीप कुमार, राजकपूर, राजेश खन्ना, अमरीश पुरी, नाना पाटेकर, कादर खान, शाहरुख खान, ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह। ये वो नाम हैं जो जिन्हे शायद ही कोई नजरंदाज कर पाए।

लेकिन एक नाम को बॉलीवुड ने बहुत ही ज्यादा नजरअंदाज किया है, और वो नाम है अक्षय खन्ना। जिन्होंने हिमालय पुत्र से अपनी ऐक्टिंग करिअर की शुरुआत की थी। हालांकि कहने को अक्षय खन्ना विनोद खन्ना के बेटे हैं, उसके बावजूद भी उनकी ऐक्टिंग को वो शोहरत नहीं मिली जो मिलनी चाहिए थी।

अक्षय खन्ना एक ऐसे अभिनेता हैं, जो हर फ्रेम में अपने किरदार को इतनी शिद्दत से भर देता है कि दर्शक यह भूल जाते हैं कि सामने ‘अक्षय खन्ना’ हैं या असल किरदार।

बॉलीवुड ने कई बार उन्हें उस ऊंचाई तक जाने का मौका नहीं दिया, जिसके वह हकदार थे। लेकिन फिर भी उनकी प्रतिभा में कभी कोई कमी नहीं आई, और उन्होंने अपने हिस्से की रोशनी खुद चुनी, और यह वही रोशनी है जो उनके किरदारों में चमकती है।

अक्षय खन्ना का करिअर उन दुर्लभ कलाकारों में आता है जिन्होंने हर भूमिका में अपना एक अलग रंग दिखाया है।

  • ‘बॉर्डर’ के धरमवीर सिंह भान जिसमें देशभक्ति का संयम दिखता है,
  • ‘हमराज़’ के करन मल्होत्रा जिसमें मनोवैज्ञानिक परतें हैं,
  • ‘हंगामा’ के जीतू की कॉमिक टाइमिंग और उसकी बारीकियां,
  • ‘रेस’ का राजीव जो गिरगिट की तरह बदलता व्यक्तित्व है,
  • ‘आक्रोश’ का सिद्धांत चतुर्वेदी जिसमें तीखी ईमानदारी झलकती है,
  • और फिर ‘दृश्यम 2’ के तरुण अहलावत जिसमें ठहरी हुई गहनता है।

हर बार, अक्षय खन्ना ने खुद को दोहराया नहीं, बल्कि खुद को फिर से एक नया रूप दिया है।

उनका अभिनय कभी ओवरड्रामेटिक नहीं होता, कभी दिखावटी नहीं लगता, बल्कि वह कैमरे के सामने इतनी सहजता से घुल जाते हैं कि लगता है जैसे किरदार उनकी आत्मा में घर बना चुका हो। और इसी कारण, वह भीड़ से अलग दिखाई देते हैं।

छावा का औरंगज़ेब

मराठा इतिहास पर आधारित इस फिल्म में जहां विशाल दुनिया बनाई गई है, वहीं अक्षय खन्ना का औरंगजेब शांत, ठंडा और बेहद खतरनाक आदेशों वाला किरदार है।
उन्होंने इस भूमिका को सिर्फ निभाया नहीं, बल्कि उसमें ऐसा संतुलन भरा दिया कि, दर्शक उनके हर संवाद पर टिक गए। उनके इस किरदार में इतनी गहनता थी की लोगों को लगने लगा की सच में सामने औरंगजेब ही है। और इस तरह की सराहना आसान बात नहीं है, शायद ही बॉलीवुड में आज तक कोई ऐसा अभिनेता रहा हो जिसे इस तरह की प्रशंसा और सराहना मिली हो।

हालांकि, इतिहास में औरंगज़ेब विवादित पात्र रहा है, लेकिन अक्षय की परफॉर्मेंस इसे सिर्फ ‘विलेन’ बनाकर नहीं छोड़ती, वे उसके अंदर छिपी महत्वाकांक्षा, समझदारी और रणनीति को जीवंत कर देती हैं।

धुरंदर का रहमान डकैत

धुरंदर की जितनी तारीफ की जाए कम है, बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म जो साढ़े तीन घंटे की अवधि होने के बावजूद एक मिनट भी आपको बोर नहीं होने देती।

ये फिल्म जितनी चर्चा में रही, उससे कही ज्यादा चर्चा अक्षय खन्ना की स्क्रीन उपस्थिति ने बटोरी है।

फिल्म के मुख्य नायक थे रणवीर सिंह, उनकी एनर्जी, स्टारपावर और परफॉर्मेंस अपनी जगह बेहतरीन थी, लेकिन जब अक्षय खन्ना स्क्रीन पर आए, तो उन्होंने रणवीर को एक कोने में धकेल दिया।

दर्शक रहमान डकैत के किरदार की तरफ इतना आकर्षित हो गए की वो बाकी सब भूल चुके थे। और इस बात की गवाही इंटरनेट की दुनिया का ट्रेंड दे रहा है – लोग रणवीर सिंह से ज़्यादा अक्षय खन्ना को पसंद कर रहे हैं। अक्षय खन्ना बॉलीवुड के एक लौते ऐसे सितारे हैं जिनकी आँखे भी शिद्दत से अभिनय करती है।

कम संवाद, गहरी आंखें, तेज़ दिमाग वाला रहमान डकैत, इस भूमिका ने साफ साबित कर दिया कि अक्षय खन्ना सिर्फ सपोर्टिंग रोल के लिए नहीं, बल्कि कहानी को आगे ले जाने वाली आत्मा बन सकते हैं।

धुरंदर में रणवीर सिंह ने लीड निभाया जरूर है, लेकिन शो अक्षय खन्ना ने चुराया है। और यह कोई साधारण बात नहीं है।

बीते कुछ वर्षों में अक्षय खन्ना ने जितनी वेब-सीरीज़ और फिल्मों में काम किया है, उनमें एक समानता है, जितना उनका स्क्रीन-टाइम रहा, उतना ही दर्शक उनसे जुड़ पाए।

चाहे यह स्टेट ऑफ सीज के हनुत सिंह हों, या ड्रामा-थ्रिलर वाली उनकी हालिया भूमिकाएँ, हर किरदार में एक गहराई होती है, जो आज के कई कलाकारों में नहीं मिलती।

ऐसे कलाकार बहुत कम होते हैं, और जब होते हैं, तो इंडस्ट्री को उन्हें संजोकर रखना चाहिए।

अक्षय खन्ना ने भले ही कभी शोर नहीं मचाया, कभी अपने लिए मीडिया में जगह नहीं बनाई, कभी अपनी तारीफ खुद नहीं की, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस से हर बार यह साबित कर दिया कि वह बॉलीवुड का वो हीरा हैं जो हॉलिवुड में भी चमक सकता है।

अक्षय खन्ना ने हर बार यह सोचने पर मजबूर कर किया है कि इतना बेहतरीन कलाकार भीड़ में कैसे खो सकता है?

लेकिन अब समय बदल रहा है।

नई कहानियां, नए फिल्ममेकर, और नए दर्शक, सब मिलकर एक चीज़ को पहचान रहे हैं – अक्षय खन्ना वो अभिनेता हैं, जिनकी चमक सिर्फ आज के लिए नहीं, आने वाले दशकों तक याद रखी जाएगी।

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Creative Writer, Journalist, Sub-Editor

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