भारत के युवा यात्रियों की पसंद में तेजी से बदलाव आ रहा है, और नए आंकड़ों के अनुसार थाईलैंड, सिंगापुर और जापान जेन–ज़ी ट्रैवलर्स के टॉप विदेशी डेस्टिनेशन बन गए हैं। आसान वीज़ा प्रक्रिया, सस्ती उड़ानें, बेहतर कनेक्टिविटी और डिजिटल-फ्रेंडली सुविधाएँ इन देशों को युवाओं के लिए और भी आकर्षक बना रही हैं।

एक हालिया ट्रैवल सर्वे में सामने आया है कि भारतीय यात्रियों का एक बड़ा हिस्सा एशियाई देशों को ही अपनी अगली विदेश यात्रा के लिए चुन रहा है। कुल यात्रियों में लगभग आधे ने बताया कि वे अपनी अगली ट्रिप के लिए एशिया ही पसंद करेंगे, जबकि युवा वर्ग में यह प्रतिशत और भी अधिक है।

जेन–ज़ी की यात्रा आदतों में बड़ा बदलाव

युवा यात्रियों में स्वतंत्र रूप से सफर करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। जेन–ज़ी अन्य उम्र वर्गों की तुलना में तीन गुना अधिक सोलो ट्रैवल करते हैं और चार गुना अधिक संभावना रखते हैं कि वे सहकर्मियों के साथ ट्रिप पर जाएँगे। उनकी पसंद पारंपरिक छुट्टियों से अलग है वे एडवेंचर, एक्सपेरिएंस और पर्सनलाइज्ड ट्रैवल को ज्यादा महत्व देते हैं।

लगभग 62 प्रतिशत युवा अगली यात्रा में किसी न किसी एडवेंचर स्पोर्ट को आज़माना चाहते हैं। वहीं करीब आधे ट्रैवलर अपनी यात्रा में स्कूटर या कार किराये पर लेकर स्थानीय अनुभवों को खुद डिजाइन करना पसंद करते हैं।

यात्रा प्लानिंग में डिजिटल शिफ्ट

ट्रिप प्लानिंग के तरीकों में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। बड़ी संख्या में यात्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी फ्लाइट, होटल और एक्टिविटीज बुक कर रहे हैं। हालांकि अभी भी करीब एक-तिहाई लोग पारंपरिक ट्रैवल एजेंट्स पर भरोसा करते हैं, खासकर तब जब यात्रा लंबी हो या कई देशों को कवर करती हो।

वीज़ा, स्टे, टिकट और ट्रैवल इंश्योरेंस से जुड़ी चुनौतियाँ सभी उम्र के यात्रियों को प्रभावित करती हैं। करीब 41 प्रतिशत यात्रियों ने स्वीकार किया कि विदेश यात्रा की प्रोसेस उन्हें अभी भी जटिल लगती है।

ट्रैवल इंश्योरेंस की जरूरत और जागरूकता

यात्रियों में ट्रैवल इंश्योरेंस को लेकर जागरूकता जरूर बढ़ी है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी इसके बारे में भ्रमित हैं। कई लोग इसे महंगा मानते हैं, कुछ को लगता है कि इसका फायदा सीमित है, और कुछ के लिए यह स्पष्ट नहीं होता कि किस परिस्थिति में क्लेम किया जा सकता है।

सबसे ज्यादा क्लेम मेडिकल इमरजेंसी, फ्लाइट रिस्केड्यूल या कैंसिलेशन, बैगेज लॉस और ट्रैवल डॉक्यूमेंट खोने के मामलों में किए जाते हैं। यात्रा के दौरान अचानक आने वाली मुश्किलों से सुरक्षा के लिए नए और ज्यादा कस्टमाइज्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

लॉन्ग-हॉल डेस्टिनेशन्स में बढ़ती रुचि

जहाँ एशिया युवा भारतीयों की पहली पसंद बना हुआ है, वहीं जेन–ज़ी और मिलेनियल्स में यूरोप, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे लंबी दूरी वाले डेस्टिनेशन्स के प्रति भी रुचि तेजी से बढ़ रही है। दूसरी तरफ बुजुर्ग यात्री आमतौर पर नजदीकी और आसान डेस्टिनेशन ही चुनते हैं।

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