यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने एक साधारण परिवार से निकलकर टीवी इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई और बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। गौरव खन्ना की कहानी एक प्रेरणा है जो दिखाती है कि संघर्ष, मेहनत और धैर्य से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है।

गौरव खन्ना का जन्म 11 दिसंबर 1981 को उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुआ था। उनका परिवार एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार था, जिसमें उनके पिता व्यवसायी थे और माता गृहिणी। बचपन से ही गौरव का स्वभाव शांत और मिलनसार था। वह पढ़ाई में अच्छे थे और साथ ही खेलकूद में भी सक्रिय। परिवार ने उन्हें हमेशा पढ़ाई और अच्छे संस्कारों की सीख दी। स्कूल के दिन कानपुर में बिताने के बाद, उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई का रुख किया।

मुंबई में उन्होंने MBA की डिग्री हासिल की। यह बात इस बात का सबूत है कि गौरव ने एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले अपनी शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया और वह अपने करियर के लिए पूरी तरह तैयार थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक आईटी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम शुरू किया। हालांकि यह नौकरी उनकी पहली पसंद नहीं थी, लेकिन यह उनके जीवन का एक जरूरी पड़ाव था जिसने उन्हें जीवन में अनुशासन और मेहनत की अहमियत सिखाई।

गौरव की असली रुचि एक्टिंग में थी, और उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए टीवी कमर्शियल्स और विज्ञापनों में काम करना शुरू किया। उनका पहला टीवी प्रोजेक्ट सीरियल ‘भाभी’ था, जिसने उन्हें इस इंडस्ट्री में कदम रखने का मौका दिया। 2007 में उन्हें ‘मेरी डोली तेरे आंगना’ में पहला बड़ा रोल मिला। इसके बाद उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में काम किया जैसे ‘CID’, ‘जीवन साथी – हमसफर जिंदगी के’, और ‘प्रेम या पहेली – चंद्रकांता’। लेकिन उनकी पहचान तब बनी जब उन्होंने सुपरहिट सीरियल ‘अनुपमा’ में अनुज कपाड़िया का रोल निभाया। इस किरदार ने उन्हें दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय बना दिया और उन्हें ‘Best Actor in a Lead Role (Jury)’ का पुरस्कार भी मिला।

गौरव ने 24 नवंबर 2016 को टीवी अभिनेत्री अकांक्षा चमोला से शादी की। यह जोड़ी टीवी इंडस्ट्री में काफी पसंद की जाती है। गौरव अपनी प्राइवेट लाइफ को बहुत निजी रखते हैं और मीडिया की चकाचौंध से दूर रहना पसंद करते हैं। परिवार के साथ समय बिताना उन्हें सबसे ज्यादा खुशी देता है।

2025 में गौरव ने अपने करियर में एक और बड़ा कदम उठाया जब उन्होंने रियलिटी शो ‘सेलिब्रिटी मास्टरशेफ इंडिया’ में हिस्सा लिया और जीत हासिल की। यह उनकी बहुमुखी प्रतिभा का सबूत था कि वे केवल अभिनय तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि खाना बनाने में भी माहिर हैं।

गौरव का सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने बिग बॉस 19 में हिस्सा लिया। बिग बॉस एक ऐसा शो है जहां कंटेस्टेंट्स को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और बहुत सारे ड्रामा, विवाद और तनाव भी होता है। लेकिन गौरव ने इस शो को पूरी तरह से अलग अंदाज में खेला। उन्होंने शांति और संयम बनाए रखा, और अपने खेल को इमानदारी और समझदारी से आगे बढ़ाया। वे अनावश्यक झगड़ों और विवादों से दूर रहते हुए हमेशा सकारात्मक और विनम्र बने रहे। उनकी यह अलग शैली दर्शकों को बहुत पसंद आई।

बिग बॉस के फिनाले में गौरव खन्ना ने ट्रॉफी जीतकर साबित कर दिया कि सफलता पाने के लिए शोर-शराबा जरूरी नहीं होता। उनकी जीत उनके धैर्य, स्मार्ट रणनीति, और अपने आप पर विश्वास का परिणाम थी। उन्होंने 50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक कार भी जीती। उनके फैंस, सह-कलाकार और मीडिया ने उनकी संयमित और शांत स्वभाव की खूब तारीफ की।

गौरव की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं है, बल्कि उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। वे दिखाते हैं कि शिक्षा, परिवार, अनुशासन और अपने सिद्धांतों पर टिके रहना सफलता की कुंजी है। गौरव ने यह साबित किया कि चाहे रास्ता कितना भी कठिन हो, अगर आपका इरादा मजबूत हो और आप मेहनत से पीछे न हटें, तो कोई भी मुकाम असंभव नहीं।

उनका सफर एक आसान कहानी नहीं थी। मुंबई में शुरुआत में कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। छोटे-छोटे रोल निभाए, लेकिन हर काम को दिल से किया। उनकी सबसे बड़ी ताकत उनकी सादगी और नैसर्गिक अभिनय है, जिसने उन्हें दर्शकों का दिल जीतने में मदद की। ‘अनुपमा’ में अनुज कपाड़िया का रोल उन्हें बड़े पर्दे पर पहचान दिलाने वाला मोड़ साबित हुआ।

गौरव का जीवन दर्शाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए निरंतर प्रयास, धैर्य और सकारात्मक सोच जरूरी है। उन्होंने यह भी सिखाया कि जीवन में अपनी असलियत से कभी न भटकें और अपने मूल्य कभी न छोड़ें। यही वजह है कि वे आज न सिर्फ एक सफल अभिनेता हैं बल्कि एक मिसाल भी हैं।

बिग बॉस 19 की उनकी जीत इस बात का प्रमाण है कि रियलिटी शो में भी सिर्फ शोर-गुल या विवाद नहीं, बल्कि संयम, सहनशीलता और सही निर्णय से भी सफलता हासिल की जा सकती है। गौरव ने अपनी यह यात्रा हमें यह भी बताती है कि असली जीत वह है जो आपकी मेहनत, आपकी सच्चाई और आपकी लगन का परिणाम हो।

आज गौरव खन्ना का नाम सिर्फ टीवी इंडस्ट्री में ही नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए भी प्रेरणा बन गया है जो अपने जीवन में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने अपनी कहानी के जरिए साबित किया कि अगर मन में जज्बा हो और मेहनत का रास्ता चुना जाए, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं रहता।

गौरव की ज़िंदगी में परिवार का बहुत बड़ा महत्व है। अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में वे अपने परिवार के साथ गहरा रिश्ता बनाए रखते हैं। उनकी पत्नी अकांक्षा चमोला भी एक सफल अभिनेत्री हैं, और दोनों मिलकर अपने पेशेवर और निजी जीवन को संतुलित करते हैं।

गौरव खन्ना की कहानी एक ऐसे इंसान की है, जिसने शिक्षा, परिवार, मेहनत, संघर्ष और ईमानदारी को अपने जीवन का हिस्सा बनाया और सफलतापूर्वक अपने सपनों को पूरा किया। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि सफलता के लिए टैलेंट ही काफी नहीं होता, बल्कि सही दिशा, लगन और निरंतर प्रयास भी उतने ही जरूरी हैं। उनका जीवन यह बताता है कि जो लोग खुद पर विश्वास रखते हैं, अपनी असलियत को कभी नहीं छोड़ते और लगातार मेहनत करते हैं, वे अपने जीवन में बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं।

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